Friday 6 December 2013

आखिर मनमोहन ने माना मोदी को चुनौती




नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी कांग्रेस के लिए गंभीर चुनौती माना। लेकिन सांप्रदायिकता विरोधी विधेयक को वोट बैंक की राजनीति बताने के उनके आरोप को सिरे से खारिज कर दिया।


मोदी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि हम अपने विरोधी की ताकत को हल्के ढंग से नहीं ले सकते। हम अपने विरोधियों को पूरी गंभीरता से लेते हैं। प्रधानमंत्री दिल्ली में हो रहे एचटी लीडरशिप सम्मेलन में भाषण दे रहे थे। इसी दौरान उनसे पूछा गया था कि क्या वह मोदी को एक चुनौती मानते हैं।


सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक को लेकर उठे विवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि इसमें तेजी के पीछे कोई राजनीति नहीं है और यह मुजफ्फनगर और कुछ अन्य हिस्सों में हुई सांप्रदायिक हिंसा से निपटने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह वोट बैंक की राजनीति नहीं है। मुजफ्फरनगर या कुछ अन्य जगहों पर जो कुछ हुआ वह इस बात की ओर इशारा है कि एक देश के नाते हम सभी लोगों की सुरक्षा करने में तो गर्व कर सकते हैं, इसके बावजूद इस प्रकार की घटनाएं हो जाती हैं।


मोदी ने प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में इस विधेयक का विरोध किया था और तबाही का इंतजाम बताते हुए इसे वोट बैंक की राजनीति करार दिया था। प्रधानमंत्री ने इस आलोचना को आज सार्वजनिक मंच से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास एक ऐसा वातावरण बनाना है जहां कानून और व्यवस्था की स्थिति कारगर ढंग से बनाए रखना अधिकारियों की जिम्मेदारी हो। उन्होंने कहा कि अगर दंगे रोके नहीं जा सके तो पीड़ितों के लिए पर्याप्त मुआवजे की व्यवस्था हो।


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