Monday 9 December 2013

2जी घोटाला: जेपीसी रिपोर्ट लोकसभा ...




नई दिल्ली। लोकसभा ने सोमवार को 2जी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। रपट में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को पूरी तरह बरी कर दिया गया है और पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए.राजा को स्पेक्ट्रम के गलत आवंटन के लिए दोषी ठहराया गया है। संप्रग की पूर्व सहयोगी और राजा की पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने इसके विरोध में सदन से बहिर्गमन किया।


संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पी.सी.चाको ने जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सदन को सौंप दिया था। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इसे सदन की मंजूरी के लिए पेश किया और उसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ने बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा और सीपीएम नेता बासुदेब आचार्य का रिपोर्ट पर सदन में बहस कराने का नोटिस भी खारिज कर दिया।


रिपोर्ट को जेपीसी ने बहुमत के साथ 27 सितंबर को मंजूरी दे दी थी। रिपोर्ट में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के इस आकलन से असहमति प्रकट की गई है कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में 1.76 लाख करोड़ रुपये की राजस्व क्षति हुई है। रिपोर्ट में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की 1998-2004 की सरकार पर आरोप लगाया गया है कि उसकी नीतियों के कारण स्पेक्ट्रम आवंटन से 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।


चाको ने छह असहमति टिप्पणियों के साथ रिपोर्ट को 29 अक्टूबर को अध्यक्ष को सौंपा था। राजा ने इस रपट को वापस लेने की मांग करते हुए कहा था कि रपट पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित है। पहले बीजेपी सदस्यों ने जेपीसी का बहिष्कार किया था लेकिन बाद में वे समिति की बैठकों में शामिल होने लगे थे। बीजेपी यशवंत सिन्हा ने कहा कि ये हमारा हक है कि हम अपनी बात रख सकें। स्पीकर ने हर बात को खारिज कर दिया और फर्जी रिपोर्ट सदन में पेश की गई, ये दुखद है। जिस तरह से संसद चल रही है वो गलत है। हमें आशा थी कि वो सही फैसला करेंगी लेकिन कुछ हुआ नहीं।


वहीं सीपीआई नेता गुरुदासदास गुप्ता ने कहा कि स्पीकर ने हमारे सभी नोटिस को गिरा दिया। हमारी लीगल नोटिस देने के बावजूद भी हमें नहीं सुना। हमें वो ओवररूल कर सकती थीं। दरअसल जेपीसी की बैठकों के दौरान डीएमके, बीजेपी और लेफ्ट ने प्रधानमंत्री को ए राजा के बराबर का दोषी बताते हुए उनकी पेशी की मांग की थी, लेकिन अध्यक्ष पीसी चाको ने उसे खारिज कर दिया था


अब रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को क्लीन चिट देते हुए कहा गया है कि उस वक्त के टेलिकॉम मंत्री ए राजा ने पीएम को गुमराह किया। सीएजी ने 2 जी स्पैक्ट्रम आवंटन से करीब 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही थी, लेकिन रिपोर्ट में इस अनुमान को खारिज किया गया है


जेपीसी में शामिल रहे विपक्षी दलों के सदस्यों ने रिपोर्ट को अंतर्विरोधों का पुलिंदा बताया है। इन सदस्यों ने रिपोर्ट पर अपने असहमति नोट भी दिए हैं और उनके तेवरों से साफ है कि वो सरकार की भ्रष्टाचार की दुखती नब्ज दबाने के लिए इस मुद्दे को जल्द ठंडा नहीं होने देगें।


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