श्रीनगर। कश्मीर को धरती की जन्नत कहा जाता है। लेकिन भयंकर बाढ़ ने इस खूबसूरत प्रदेश को जन्नत से जहन्नुम बना दिया है। जम्मू कश्मीर आजादी के बाद से आई सबसे भयानक बाढ़ से दोचार हो रहा है। श्रीनगर शहर में पानी घुस चुका है। पूरा शहर पानी से लबरेज है। दक्षिण कश्मीर की हालत तो और खराब है। करीब ढाई हजार गांव पूरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हैं। जबकि करीब 500 गांव जलमग्न हो चुके हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य के हालात का जायजा लिया। बर्बादी के हालात देखकर उन्होंने इसे राष्ट्रीय आपदा करार दिया।
श्रीनगर शहर के अलग अलग इलाकों की हालात बहुत ही खराब है। पूरा शहर तालाब बन चुका है। शहर के हर हिस्से का कमोबेश यही हाल है। लोग घरों में फंसे हुए हैं, परेशान हैं। लगातार बारिश की वजह से उफान मारती झेलम का पानी बीती रात श्रीनगर शहर में आ घुसा। आम दिनों में झेलम का पानी कम से कम सड़क से 20 से 30 फीट नीचे तक रहता था। लेकिन अभी जो हालात हैं, उसे देखकर आपको खुद ब खुद हालात की गंभीरता का एहसास हो जाएगा। सड़क और नदी कमोबेश एक ही स्तर पर आ गए हैं।
श्रीनगर की मशहूर डल झी का पानी सड़क के बराबर आ चुका है। आम दिनों में डल का पानी सड़क से 15 से 20 फीट नीचे रहता है। डल झील में चलने वाले शिकारें नीचे डल झील में रहते थे लेकिन अभी सड़क पर हैं क्योंकि डल का पानी सड़क के ऊपर आ चुका है। डल के किनारे की सड़क झील का हिस्सा बन चुकी है। ऊपर की दुकानों और बाजारों में भी पानी घुस चुका है। हालात बेहद खराब हैं। दुकानें बर्बाद हो गई हैं। घरों में कई-कई फीट तक पानी घुस चुका है।
कुदरत का यह कहर बारिश की शक्ल में बरसना शुरू हुआ। पिछले पांच छह दिनों से लगातार हुई बारिश की वजह से कश्मीर की सभी नदियां और नाले उफन रहे हैं। झेलम समेत तमाम नदियां अपने उच्चतम स्तर पर है। जलस्तर इस कदर बढ़ गया कि कई जगहों पर झेलम नदी के तटबंध टूट गए और शहर में पानी आ घुसा। बादामीबाग, सोनावर, राजबाग, कुर्सू, नातीपुरा, नौगाम, बारजुला, राजबाग, जवाहर नगर, अमीराकदल, हरी सिंह हाई स्ट्रीट, रीगल चौक, गनी खान, पंथीपोरा, सफाकदल समेत शहर के ज्यादातर इलाके में पानी घुस चुका है।
श्रीनगर का मुख्य चौक लाल चौक और शहर के बीचोबीच मौजूद सिविल सचिवालय के हर तरफ पानी ही पानी भरा है। श्रीनगर के एयरपोर्ट रोड भी पानी से डूबा हुआ है। सड़कों पर पानी भर जाने से श्रीनगर मेडीकल कॉलेज हॉस्पीटल और लल्ला देद जैसे मुख्य अस्पतालों तक पहुंचने का रास्ता भी कट गया है।
दक्षिण कश्मीर की हालत तो सबसे ज्यादा खराब है। पुलवामा में झेलम नदी का बांध टूट गया है। पुलवामा, अनंतनाग और कुलगाम जिलों का ज्यादातर हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। बात करें कुल नुकसान की तो करीब 550 गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। लगभग 6325 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। करीब 2500 गांव ज्यादा चपेट में हैं। अब तक 13 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
लगातार बारिश की वजह से नदियां और नाले उफान पर हैं। किनारे के गांवों-कस्बों में पानी भर गया है तो ऊंचाई वाले इलाकों में भूस्खलन के चलते बुरा हाल है। इन इलाकों में ऊपर से बहकर आ रहे पानी ने हालत और खराब कर दी है। हजारों मकान गिर गए हैं तो हजारों लोगों को अपना मकान छोड़ना पड़ा है। सैकड़ों पुल-पुलिया और सड़कें पानी से बर्बाद हो गई हैं। तीन सौ किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन और जलभराव के चलते तीन दिन से बंद है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि कश्मीर में हालात और बिगड़ गए हैं। निचले इलाकों मे पानी भरा हुआ है। पहला फोकस लोगों को बचाने का है। बीते 60 साल में कश्मीर में आई ये सबसे खतरनाक बाढ़ है।
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