नोएडा। नोएडा के निठारी गांव के गुनहगार सुरेंद्र कोली अब मौत की दहलीज पर खड़ा है। 12 सितंबर से पहले उसे कभी भी फांसी के फंदे से लटका दिया जाएगा। जैसे-जैसे कोली की मौत की घड़ी नजदीक आ रही है, वो बेचैन होता जा रहा है। वो ज्यादा से ज्यादा वक्त पूजा-पाठ में बिता रहा है। धार्मिक ग्रंथ पढ़ रहा है।
सूत्रों के मुताबिक मेरठ जेल पहुंचते ही सुरेंद्र कोली ने सबसे पहले जेल अधिकारियों से फांसी के बारे में जानकारी ली। वो जानना चाहता था कि फांसी कैसे दी जाएगी, कब दी जाएगी। और प्रक्रिया शुरू होने के बाद कितनी देर में फांसी दे दी जाएगी। जेल के अधिकारियों ने उसे तफ्सील से पूरी जानकारी दी। इन जानकारियों के बाद सुरेंद्र का ब्लड प्रेशर गिर गया। उसे घबराहट होने लगी। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे संभाला।
एक दिन बाद कोली के दिल की धड़कनें सामान्य हो पाईं। नोएडा के आदमखोर सुरेंद्र कोली की करतूतें 2006 में सामने आई थीं। नोएडा के निठारी गांव में कोठी नंबर डी-5 के पास खुदाई में इंसानी हड्डियां मिलने के बाद हड़कंप मच गया था। इसके बाद निठारी गांव में बच्चों के सिलसिलेवार अपहरण और हत्या के मामले में सुरेंद्र कोली और उसके मालिक मोनिंदर पंधेर को गिरफ्तार कर लिया गया। सुरेंद्र कोली को रिम्पा हल्दर की हत्या के मामले में फांसी की सजा दी जा रही है।
सुरेंद्र कोली की मौत की सजा की खबर सुनकर भी रिंपा हल्दर के परिजन खुश नहीं हैं। उनकी मांग है कि इस मामले के दूसरे आरोपी मनिंदर को जब तक सजा नहीं होती, उन्हें इंसाफ नहीं मिलेगा। (वीडियो में देखें सुरेंद्र कोली से खास बातचीत)
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