नई दिल्ली। डूब गई जन्नत, जम्मू-कश्मीर में छह दशक बाद आई बाढ़ ने हाहाकार मचा दिया है। पांच दिनों से जारी बारिश और बाढ़ की वजह से अब तक 107 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। आज गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य का दौरा किया और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हर संभव मदद का भरोसा दिया।
कलकल बहता पानी जब हाहाकारी रूप धारण कर ले तो क्या हो, इन तस्वीरों में आप वही देखने जा रहे हैं। पानी की ताकत के सामने असहाय इंसान, बिजली के हिलते खंबे, गरीबों के घरों की बची निशानियां, ये तो कुछ नहीं। जम्मू से सटे बेलीचराना गांव की इन तस्वीरों जैसी ही है ये तस्वीर भी। लेकिन यहां पानी की ताकत के सामने खंबे हिले ही नहीं उखड़ भी गए और जब उखड़े तो एक पुल ही बह गया। ये जम्मू की तवी नदी के पानी की तेज धार और ताकत का असर है। जम्मू शहर, कटरा और श्रीनगर को जोड़ने वाला ये चौथा पुल है, जो बह गया। भगवती नगर के पास इस पुल के बहने से अब सड़क के बीच खाई जैसी हालत नजर आती है।
जिनका घर-बार बह गया, जिनके जान-माल का नुकसान हुआ। उन्हें विपदा की इस घड़ी में सरकार से उम्मीदें थीं। लेकिन अब उनका गुस्सा बाहर आ रहा है। पहाड़ पर सैलाब ने किस तरह धरती के स्वर्ग को हिला कर रख दिया है वो जम्मू से लेकर श्रीनगर और वादियों में हर तरफ नजर आ रहा है। राज्य की तमाम नदियां उफान पर हैं। उफान पर ही नहीं, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हाल ये है कि तवी नदी का जलस्तर 28 फीट पर पहुंच गया है। 28 फीट यानी खतरे के निशान से 16 फीट ऊपर। यही वजह है कि तवी नदी के ऊपर बने तीनों पुलों को प्रशासन ने आवाजाही के लिए बंद कर दिया है।
बाढ़ ने सूबे की राजधानी श्रीनगर की सूरत भी बदल दी है। श्रीनगर की मुख्य सड़क जो एयरपोर्ट की ओर जाती है। लेकिन सड़क पर तीन से चार फीट तक पानी होने की वजह से यह नदी नजर आती है। चार दिनों से जारी बारिश ने लोगों को और परेशान कर दिया है।
नवगामा इलाके में तो राहत-बचाव काम में सेना और एनडीआरएफ की टीमों को उतरना पड़ गया। घर-घर में पानी की पैठ के बाद नाव ही सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का जरिया बचा है। पुलवामा में तो राहत कार्य में लगे 8 से 9 जवान खुद ही पानी की तेज धारा में बह गए।
राजनाथ सिंह ने सूबे की सरकार को केंद्र से हरसंभव मदद का भरोसा दिया। केंद्र में तबाही में मारे गए लोगों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये देने का ऐलान किया। तबाही की कई तस्वीरें तो दुनिया के सामने अब आ रही हैं। ऐसी ही तस्वीर राजौरी के नौशेरा से आ रही है, जहां बारातियों से भरी बस ने जल समाधि ले ली। सेना की मदद से चलाए गए सर्च ऑपरेशन के बाद अब बस से लाशें निकाली गई हैं। मुश्किलें और भी हैं।
ट्रैक पर पानी होने की वजह से रामनगर में श्रीशक्ति एक्सप्रेस फंसी है और मुसाफिर परेशान। उधमपुर में जमीन खिसकने की वजह से जम्मू-कटरा रेल लाइन ठप है। वैष्णों देवी यात्रा को निकले 10 हजार श्रद्धालु कटरा में फंसे हैं। हर तरफ हाहाकार जैसी स्थिति है। ऐसी स्थिति, जिसके बारे में यही कहा जा सकता है- डूब गई जन्नत।
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