Saturday 11 October 2014

कल रात से पाकिस्तान की बंदूकें शांत, ...




नई दिल्ली। एक तरफ भारत और पाकिस्तान की दो हस्तियों को शांति का नोबल पुरस्कार दिया गया है, तो दूसरी तरफ दोनों देशों के बीच पिछले कई दिनों से सीमापर तनाव के हालात बने हुए हैं। उम्मीद की जा रही है कि शांति का नोबल पाने के बाद दोनों तरफ की बंदूकें शांत होंगी।


बीती रात से पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग बंद हैं, कई सेक्टरों में फायरिंग नहीं हुई, लेकिन खबर ये भी है कि पाकिस्तान अपनी सीमा में पांच किलोमीटर तक के रेंज में गावों को खाली करा रहा है। सेना की मूवमेंट भी तेज हुई है। ऐसे में आशंका है कि पाकिस्तान की तरफ से फिर कार्रवाई हो सकती है।


पिछले 8 दिनों से पाकिस्तान की तरफ से भारतीय चौकियों और गांवों में हो रही फायरिंग बंद है। फायरिंग के बाद अपना घर, गांव छोड़कर कैंप में शरण लिए लोगों को उम्मीद जगी है कि वो जल्द ही अपने गांव लौट सकेंगे। अखनूर सेक्टर के परगवाल इलाके के करीब 250 गांवों के लोग घर छोड़कर कैपों में रह रहे हैं। ये जल्द से जल्द घर लौटना तो चाहते हैं लेकिन पाकिस्तान की फितरत पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर पा रहे।


परगवाल इलाका एक टापू की तरह है जिसके एक तरफ दरिया चिनाब है और दूसरी तरफ छोटी नदियां हैं। साथ ही ये पाकिस्तान की सीमा से भी सटा है। ऐसे में इस इलाके के लोग कभी बाढ़ की मार झेलते हैं तो कभी पाकिस्तान की फायरिंग का कहर झेलते हैं।


स्थानीय बूढ़ी महिला राज रानी कहती हैं, मैं 1947 मे 10 साल की थी तब से देख रही हूं कभी गोले नहीं चले, तोपें नहीं चली हैं, अब पता नही क्या हो गया है। पहले भी घर छोड़े हैं और अब भी छोड़ना पड़ा। कल फायर नहीं हुआ थोड़ी शांति है।


माना जा रहा है कि भारतीय जवानों की ओर से दिए गए करारे जवाब के बाद पाकिस्तान ने फायरिंग बंद की है। अब मलाला और कैलाश सत्यार्थी को मिले शांति पुरस्कार के बाद उम्मीद की जा सकती है कि पाकिस्तान सीमा पर शांति बनाए रखने में सहयोग देगा।


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