Saturday, 6 September 2014

बड़ी बहस: मंदिर से साईं की मूर्ति ...




नई दिल्ली। साईं को भगवान न मानने के धर्मसंसद का फैसला और उनकी मूर्तियों को मंदिरों से हटाए जाने के ऐलान का असर दिखने लगा है। साईं की प्रतिमा को मंदिरों से हटाया जाने लगा है। गाजियाबाद से लेकर उत्तराखंड के धौलेस्वर महादेव मंदिर तक से साईं की मूर्ति को हटा दिया गया है। कई और जगहों पर ऐसी ही तैयारी है। इसे लेकर साईं भक्तों ही नहीं, दूसरे आस्थावानों में भी गुस्सा है।


साईं की पूजा न करने और इसे मंदिरों से हटाकर नदियों में विसर्जित करने की अपील का असर अब अमल में लाया जाने लगा है। गाजियाबाद के मुरादनगर में गंगनहर के पास बने मंदिर से आज साईं की प्रतिमा हटा दी गई। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुई धर्म संसद से 6 महीने के भीतर सभी सनातन मंदिरों से साईं मूर्ति हटाने की अपील की गई थी। अब कमेटी ने फैसला किया है कि सनातन धर्म मंदिरों की जांच की जाएगी और जहां भी मूर्तियां होंगी उसे हटा दिया जाएगा।


मुरादनगर से पहले उत्तराखंड के धौलेस्वर महादेव मंदिर से साईं की मूर्ति को हटा दिया गया। मध्य प्रदेश के बैतूल में रुक्मिणी बालाजीपुरम से साईं मूर्ति हटाने का ऐलान हो चुका है। वहीं गुजरात के वलसाड में मूर्ति हटाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है।


13 अखाड़ों और चारों शंकराचार्य भले ही साईं को भगवान न मानने पर एकमत हों लेकिन कई आस्थावान साईं पूजा पर रोक लगाने और मूर्तियों को मंदिर से हटाने से सहमत नहीं। तभी तो, देहरादून से 20 किलोमीटर दूर शिवमंदिर से जैसे ही साईं की प्रतिमा हटी, गांव वालों के साथ ही मंदिर के लिए जमीन दान करने वाले तिरलोक सिंह रावत भी नाराज हो गए।


मंदिर से साईं की मूर्ति हटाने वाले संतों का कहना है कि और भी मंदिरों से साईं की मूर्तियां हटाई जाएंगी। शिव मंदिर से प्रतिमा हटाने के बाद संतों ने एक आयोजन करके साईं की मूर्ति उनके भक्तों को दान कर दी। लेकिन जिस तरह से मंदिर से मूर्ति हटाए जाने को लेकर साईं भक्त और गांववालों में नाराजगी है वो एक नए विवाद को जन्म दे सकता है।


साईं की मूर्ति हटाने को लेकर धर्मसंसद ने भले ही फरमान जारी कर दिया है, लेकिन इसे लेकर विरोध शुरू हो गया है। खासकर साईं भक्त मंदिरों से साईं मूर्ति हटाने से खफा हैं और खुलकर अपनी नाराजगी भी जता रहे हैं। इस मुद्दे पर बात करने के लिए आईबीएन7 के साथ स्टूडियो में मौजूद हैं शंकराचार्य समर्थक और श्रीराम जन्मभूमि सेवा समिति के महामंत्री पंडित राम प्रसाद मिश्रा, साईं समर्थक हरीश अबरोल, मुंबई से शंकाराचार्य समर्थक और साधिका सोनिया दीदी, धर्म गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन। भोपाल से आईबीएन7 के सहयोगी मनोज शर्मा और गाजियाबाद के मुरादनगर से सहयोगी पुनीत त्रिपाठी। (वीडियो में पूरी चर्चा देखें)


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