नई दिल्ली। मोदी सरकार रक्षा निर्माण के क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। खबरों के मुताबिक रक्षा में विदेशी निवेश की सीमा 26 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इसके लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कैबिनेट नोट सभी एजेंसियों के पास राय लेने के लिए भेज दिया है। रक्षा से जुड़े जानकारों ने भी सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।
जानकारों का ये भी मानना है कि इस साहसिक फैसले से सेना की जरूरत पूरी होंगी और रक्षा क्षेत्र में आधुनिक हथियार और उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। दूसरी ओर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी इस मुद्दे पर आ रही हैं।
एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि बीजेपी सरकार में रहते समय कुछ और बात करती है जबकि सरकार के बाहर होती है तो उसका रुख अलग होता है। पहले कांग्रेस का इसी मुद्दे पर बीजेपी ने विरोध किया था और अब वही खुद एफडीआई लेकर आ रही है।
कांग्रेस नेता मीम अफजल ने कहा कि हम तो पहले से ही एफडीआई के हक में रहे हैं। भाजपा ने हमेशा कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे लेकिन अब वो कांग्रेस की नीतियां ही अपना रही है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि धीरे-धीरे उन्हें वही काम करने होंगे जो हमारी सरकार ने किए थे। आज अगर आप निवेश चाहते हैं तो एफडीआई को नकार नहीं सकते।
सीपीआई नेता अतुल अंजान ने कहा है कि जनसंघ के जमाने से आरएसएस इजरायल से संबंध बनाने की कवायद कर रहा है। हमने तय किया था कि इजरायल से संबंध नहीं रखेंगे। ये एफडीआई इसलिए लाया जा रहा है ताकि भारत में मिलिट्री कॉम्पलेक्स स्थापित किया जाए और पूरी दुनिया में उन्माद फैलाने की कोशिश की जाए। इसका सीधा फायदा इजरायल को होगा।
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