Saturday 7 December 2013

अंसारी बंधुओं को SP में लाने में जुटे ...




लखनऊ। समाजवादी पार्टी 2014 आम चुनाव से पहले अल्पसंख्यक वोटों को अपने पाले में करने के लिए जल्द ही मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को पार्टी में शामिल कर सकती है। इससे पहले पार्टी बाहुबली नेता अतीक अहमद को सुल्तानपुर से लोकसभा का टिकट देने का फैसला कर चुकी है। एसपी के वरिष्ठ नेता ओर सांसद रामगोपाल यादव की ओर से इसकी आधिकारिक घोषणा की गई। इससे पहले अल्पसंख्यक समुदाय के शकील अहमद को यहां से प्रत्याशी घोषित किया गया था।


गौरतलब है कि साल 2004 में इलाहाबाद की फूलपुर लोकसभा सीट से एसपी के सांसद रह चुके अतीक अहमद पर विधायक राजू पाल की हत्या सहित दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। माफिया सरगना से नेता बने अतीक को एसपी ने साल 2009 में पार्टी से बाहर कर दिया था, इसके बाद अतीक ने पिछला लोकसभा चुनाव अपना दल के टिकट पर प्रतापगढ़ से लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।


बहरहाल अतीक अहमद के एसपी खेमे में शामिल होने के बाद अब चर्चा है कि आपराधिक प्रवृति के बाहुबली नेता और विधायक मुख्तार अंसारी और गाजीपुर से पूर्व सांसद अफजाल अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का जल्द ही एसपी में विलय हो सकता है। एसपी सूत्रों की मानें तो अंसारी बंधुओं और मुलायम सिंह यादव के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है।


मुलायम अंसारी बंधुओं पर इस बात के लिए दबाव बना रहे हैं कि वे अपनी पार्टी का एसपी में विलय कर अगला लोकसभा चुनाव लड़ें, जबकि अंसारी बंधु फिलहाल एसपी में पार्टी के विलय की बजाए एसपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने पर जोर दे रहे हैं। एसपी और अंसारी बंधुओं के बीच इस बात पर भी सहमति बनी है कि मुख्तार जहां एसपी के टिकट पर वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में होंगे, वहीं पूर्व सांसद अफजाल गाजीपुर की बजाए घोषी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।


बदले में अंसारी बंधुओं को बलिया लोकसभा सीट और गाजीपुर लोकसभा सीट पर एसपी प्रत्याशियों नीरज शेखर और शिवकन्या को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। नीरज शेखर जहां पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र हैं, वहीं शिवकन्या बहुजन समाज पार्टी सरकार के पूर्व मंत्री बाबूसिंह कुशवाहा की पत्नी हैं।


एसपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने हालांकि दबे सुर में यह स्वीकार किया कि अंसारी बंधुओं की पार्टी के एसपी में विलय की बातचीत चल रही है लेकिन बड़े नेता इस मुद्दे पर मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं। बाहुबली छवि के लिए चर्चित मुख्तार और अफजाल भी कभी एसपी में रह चुके हैं, लेकिन परिस्थतियां ऐसी बनी कि उन्हें एसपी छोड़कर अलग पार्टी बनानी पड़ी।


कौमी एकता दल का गठन करने वाले अंसारी बंधुओं ने पिछला चुनाव अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों से लड़ा था, लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हो पाई थी। गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी पर भारतीय जनता पार्टी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का भी गंभीर आरोप है। इसके अलावा दर्जन भर मामले मुख्तार के खिलाफ दर्ज हैं। वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि एसपी अतीक अहमद को टिकट देकर सुल्तानपुर को सांप्रदायिकता की भट्टी में झोंकना चाहती है।


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