Sunday 8 December 2013

'शहजादों' को दिल्ली के वोटरों ने नहीं ...




नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के चुनावों में मतदाताओं ने नेताओं के शहजादे को सिरे से नकार दिया। दिल्ली चुनाव में उतरे हुए ऐसे उम्मीदवारों में से पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को छोड़कर सभी को भारी हार का मुंह देखना पड़ा है। इसके पहले चुनाव प्रचार अभियान में बीजेपी के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए शहजादे शब्द का खूब इस्तेमाल किया था। चारों राज्यों के चुनाव परिणाम में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया।


दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार मल्होत्रा ने इस बार ग्रेटर कैलाश से चुनाव न लड़कर अपने बेटे अजय कुमार मल्होत्रा के लिए सीट खाली की थी, लेकिन वहां के मतदाताओं को यह रास नहीं आया और उन्होंने जूनियर मल्होत्रा को खारिज कर दिया। अजय मल्होत्रा को आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज ने 13 हजार 092 मतों से पराजित किया। भारद्वाज को 43 हजार 097 मत मिले जबकि उन्हें 30 हजार 005 मतों से ही संतोष करना पड़ा।


बीजेपी के एक अन्य विधायक ओ पी बब्बर ने भी इस बार अपने स्थान पर अपने बेटे राजीव बब्बर को तिलकनगर से चुनाव मैदान में उतारा था। क्षेत्र की जनता ने जूनियर मल्होत्रा की तरह ही उन्हें भी पसंद नहीं किया। यहां से 1984 के सिख विरोधी दंगों के फैसले से नाराज होकर केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर जूता उछालने वाले पूर्व पत्रकार जरनैल सिंह ने राजीव को पटखनी दी। उन्होंने राजीव को 2088 मतों से पराजित किया। सिंह को 34 हजार 493 मत मिले, जबकि राजीव 32 हजार 405 वोट ही हासिल कर पाए। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही।


सिख विरोधी दंगों के एक प्रमुख आरोपी पूर्व सांसद सज्जन कुमार के बेटे जगप्रवेश को कांग्रेस ने संगम विहार से टिकट दिया था। वह यहां तीसरे स्थान पर रहे। आप के उम्मीदवार दिनेश मोहनियां ने इस सीट से बीजेपी के काबिल उम्मीदवारों में से एक डॉ. एस. सी एल गुप्ता को 777 मतों से पराजित किया। गुप्ता पिछली बार इस सीट से विजयी हुए थे। मोहनियां को 24 हजार 851 वोट मिले, जबकि गुप्ता को 24 हजार 074 वोटों से ही संतोष करना पड़ा।


पश्चिमी दिल्ली से कांग्रेस के सांसद महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा को पालम सीट से टिकट दिया गया था। क्षेत्र की जनता ने उन्हें खारिज कर दिया और वह चौथे स्थान पर रहे। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय राम बाबू शर्मा के बेटे विपिन शर्मा, जो पिछली बार अपने पिता की मृत्यु के बाद सहानुभूति लहर ने भारी मतों से विजयी हुए थे। इस बार अपनी सीट नहीं बचा पाए और तीसरे स्थान पर रहे। यहां बीजेपी के जितेंद्र कुमार विजयी हुए।


नेताओं के बेटों में चुनाव जीतने वाले इकलौते अपवाद पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा रहे। उन्होंने महरौली सीट से आप के नरेंद्र सिंह सैजवाल को 4564 मतों से पराजित किया। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष योगानन्द शास्त्री यहां तीसरे स्थान पर रहे।


करावल नगर सीट से पूर्वी दिल्ली नगर निगम की पूर्व अध्यक्ष अन्नपूर्णा मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा आप के टिकट पर चुनाव मैदान में थे। क्षेत्र की जनता ने यहां से तीन बार के बीजेपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट के पक्ष में ही अपना विश्वास जताया। बिष्ट ने मिश्रा को 3083 वोटों से पराजित किया। बिष्ट को 49 हजार 262 और मिश्रा को 46 हजार 179 मत मिले।


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