Tuesday, 3 December 2013

दिल्ली में वोटिंग से पहले ‘वोट के ...




नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग शुरू होने में कुछ ही घंटे रह गए हैं, लेकिन उससे पहले वोटरों को लुभाने के लिए जैसे राजधानी में शराब की नदियां बहाने की तैयारी है। अपने पक्ष में वोट डलवाने के लिए धनबल और बाहुबल का जोर दिख रहा है। दिल्ली चुनाव आयोग के मुताबिक जब से चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ है तब से अब तक करीब डेढ़ करोड़ रुपये की बरामदगी हुई है। यही नहीं, दिल्ली पुलिस की जांच में अब तक 74 हथियार भी बरामद हुए हैं।


धनबल और बाहुबल के जरिए मतदाताओं पर धौंस जमाने के संदिग्ध 50 हजार लोगों से अब तक पूछताछ भी हो चुकी है। चुनाव आयोग का दावा है कि मतदान को गलत तरीके से प्रभावित करने के आरोप में अब तक 350 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 22 हथियारों के साथ 3 लोगों को वजीराबाद रोड से गिरफ्तार भी किया है। आम आदमी पार्टी ने दो लोगों के खिलाफ पैसे बांटने और तीन लोगों के खिलाफ शराब बांटने की शिकायत दर्ज कराई है।


चुनाव आयोग के मुताबिक मंगलवार तक दिल्ली में करीब 21 सौ लीटर शराब बरामद की गई है। यही नहीं, अब तक 1642 लीटर देसी शराब भी जब्त की गई है। शुरुआत में बादली और बवाना जैसे इलाकों में शराब बांटे जाने की खबरें आईं और इसके बाद पुलिस और चुनाव आयोग हरकत में आ गई। कल से लेकर आज तक सराय रोहिल्ला, नबी करीम, कल्याणपुरी और न्यू अशोक नगर जैसे इलाकों से शराब जमा करने और बांटने की खबरें आने लगीं।


कल्याणपुरी में एक प्रॉपर्टी डीलर की दुकान से शराब की पांच पेटियां जब्त की गईं। आम आदमी पार्टी ने नई दिल्ली इलाके के पालिकाधाम क्षेत्र और नरेला में शराब बांटे जाने की शिकायत की है। नरेला में चार लाख रुपये नकद और दो पेटी शराब बरामद की गई है। दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर चुनाव आयोग ने सराय रोहिला में दो पेटी शराब जब्त की। सराय रोहिला से ही तीन बोरी देसी शराब भी बरामद की गई है। इसके अलावा, पहाड़गंज के पास नवी करीम से 21 पेटी शराब जब्त की गई है।


पुलिस ने इस मामले में एक शख्स को गिरफ्तार भी किया है। कल्याणपुरी और न्यू अशोक नगर में भी रात को पुलिस औऱ चुनाव आयोग ने 7-7 पेटी शराब जब्त की। ताजा खबर है कि कलयाणपुरी में एक प्रॉपर्टी डीलर के यहां छापेमारी में 5 पेटी शराब मिली है। सराय रोहिला में खुफिया जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने चुनाव आयोग के साथ छापेमारी कर भारी मात्रा में शराब जब्त की। ये शराब ऐसे मकान की छत से बरामद की गई जहां कोई नहीं रहता है। हालांकि जब्त की गई अवैध शराब का दावेदार कोई नहीं, लेकिन जानकारों का कहना है कि शराब की ये पेटियां चुनाव के मकसद से लाई गई थीं।


आम आदमी पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से वोट की चौकादारी करने की अपील की है। योगेंद्र यादव के मुताबिक शराब बांटने के मामले में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई मामलों की शिकायत की है। दिल्ली में चुनाव का रूख चुनाव की तारीख के दो दिन पहले रात में तय होता है। ये सभी पार्टियों, एजेंसियों और लोगों को पता होता है। दो रात पहले चुनाव का रूख तय करती है शराब और नकदी। जो कि वोटरों या उनके नुमाइंदों को बांटा जाता है। सूत्रों क मुताबिक शराब और पैसों के लिए नेता उन लोगों को पहले ही संपर्क कर लेते हैं, जिनके हाथों में वोटर हों या फिर वो लोगों से वोट डलवाने की हालत में हो।


चुनाव की तारीख तय होने से पहले ही ज्यादातर उम्मीदवार आसपास के राज्यों से शराब के खेप मंगवाने शुरू कर देते हैं। कईयों की तो सीधे शराब की फैक्ट्रियों से शेटिंग होता है, बिना एक्साईज दिए वो अवैध तरीके से शराब मंगवा कर जमा कर लेते हैं। चुनाव की तारीख तय होते छिटपुट शराब बंटना शुरू हो जाता है लेकिन जैसे-जैसे चुनाव करीब आती है इसमें तेजी आने लगती है। नेताओ का टारगेट होता है कि ज्यादतर शराब चुनाव के एक या दो दिन पहले रात में बांटा जाए। इसके अलावा खुद शराब जमा करने के बजाए कई उम्मीदवार शराब के प्राईवेट ठेकों से भी संपर्क रखते हैं।


जिस शक्स को शराब दी जानी होती है उसे कागज या नोट पर एक कोड वर्ड दिया जाता है और चुनाव के बाद या पहले उसे तय दुकान पर जाने को कहा जाता है जहा से उसे तय मात्रा में शराब दे दी जाती है। इसके अलावा झुग्गियों बस्तियो में भी शराब की खेप पहले ही पहुंचा दी जाती है। शराब बांटे जाने की बेतहाशा मामलों को देखते हुए इस बार दिल्ली चुनाव कार्यालय ने हर जिले में फ्लाईंग स्कवायड की कम से कम 15 टीमों को गठन किया है। इसके अलावा एक्साईज और दिल्ली पुलिस भी इन चीजों पर निगरानी रख रही है। बावजूद इसके राजधानी में शराब बांटे जाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।


शराब के साथ-साथ दिल्ली में होने वाले हर चुनाव में पैसों का भी जोर जमकर चलता है। ऐसा कहा जाता है कि चुनाव प्रचार के बाद उम्मीदवारों की सारी ताकत पैसा बांटने में लगती है। इसके लिए पहले से ही उन लोगों की शिनाख्त कर ली जाती है जो अपने इलाके या झुग्गी बस्ती के लोगों से वोट डलवाने में समर्थ हों। शराब की तरह ही पार्टियां ऐसे ही लोगों को पैसे बांटती हैं। उम्मीदवारों से पैसा लेकर ये लोग वोटरों में अपने स्तर पर पैसे बांटते हैं। चुनाव के लिए वोटरों की कीमत भी तय कर दी गई है। ये कीमत तीन सौ से लेकर तीन हजार रुपयों तक है।


दिल्ली चुनाव कार्यालय मंगलवार की शाम तक चुनाव में बांटे जाने के लिए रखी या लाई गई एक करोड़ 60 लाख रुपये की रकम जब्त कर चुका है। खुद चुनाव कार्यालय ये मानता है कि जब्त की गई शराब और रकम में बुधवार की सुबह वोट डाले जाने तक भारी इजाफा हो सकता है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इतनी भारी मात्रा में शराब और ब्लैक मनी पकड़े जाने के मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार तो किया है लेकिन अभी तक शराब और पैसे बांटने वाले या मंगवाने वाले किसी नेता की गिरफ्तारी नहीं हुई है।


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