पटना। इस बार विजयादशमी का त्योहार बिहार की राजधानी के बुरी खबर लेकर आया। पटना के गांधी मैदान पर रावण दहन के लिए जुटी लाखों की भीड़ को पता भी नहीं रहा होगा कि आने वाला पल उनके लिए जिंदगी भर का दर्द लेकर आएगा। रावण दहन के बाद लौट रही भीड़ एक अफवाह के बाद भगदड़ का शिकार हो गई। भगदड़ मचने से हुए हादसे में 34 लोगों की जान चली गई। जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।
घायलों को पटना के पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के बाहर घायलों के परिजन अपनों की तलाश में भारी संख्या में जुट गए। चारों तरफ अफरातफरी का माहौल था। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि किससे पूछे, कहां जाएं, परिजनों को अस्पताल के भीरत जाने भी नहीं दिया जा रहा था। जिसे लेकर उनकी कई बार पुलिस से झड़प भी हो गई।
वहीं रावण दहन के वक्त समारोह में मौजूद रहे बिहार के सीएम जितनराम मांझी हादसे के बाद गायब दिखे। यही नहीं बिहार सरकार का कोई मंत्री तक घटना के बाद नहीं दिखा। हालांकि देर रात सीएम मांझी घायलों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे। पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया और फोन पर सीएम जीतन मांझी से बात की। केंद्र सरकार की तरफ से हादसे में मारे गए लोगों के लिए 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया। जबकि बिहार सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों को तीन लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है।
जानकारी के मुताबिक पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में दशहरे पर रावण के पुतला दहन का पारंपरिक कार्यक्रम खत्म हुआ। मैदान में मौजूद लगभग 5 लाख की भीड़ गांधी मैदान के अलग-अलग रास्तों से निकल रही थी। मैदान के दक्षिणी छोर से सटे राम गुलाम चौराहे पर पहले से ही भीड़ मौजूद थी। इसी दौरान भीड़ में जाने कहां से अफवाह उड़ गई कि बिजली का हाईवोल्टेज तार टूट कर गिर गया है। फिर क्या था इसके बाद जो भगदड़ मची तो सड़क लाशों और जख्मियों से पट गई।
पटना में रावण दहन के इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री जीतन मांझी और कुछ दूसरे मंत्री भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री पारंपरिक तौर पर हर साल इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं। हादसे से जरा देर पहले ही मुख्यमंत्री और मंत्रियों का काफिल वहां से निकला था। पुलिस प्रशासन भी नेताओं के अमले को ही विदा करने में लगा था, जिसके वजह से भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका है। देर से सक्रिय हुए प्रशासन ने सरकारी और प्राइवेट गाड़िय़ों से जख्मियों और लाशों को पटना के पीएमसीएच अस्पताल पहुंचाया। तो दूसरी ओर लोग बदहवास देर तक अपनों को तलाशते रहे। प्रशासन की सफाई है कि भीड़ जरूरत से ज्यादा थी जिसके चलते हादसा टाला नहीं जा सका।
मोदी-लालू-नीतीश ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया- पटना में हुई भगदड़ बेहद अफसोसनाक है। मैंने बिहार के मुख्यमंत्री से बात की है। जिन लोगों ने हादसे में जान गंवाई उनके पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना और घायलों के लिए दुआएं।
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आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने घटना पर अफसोस जताया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा- पटना में रावण दहण के दौरान हुई भगदड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बहुत दुःखी और मर्माहत हूं। अस्वस्थ होने के कारण नहीं पहुंचने पर बहुत अफ़सोस है। गांधी मैदान भगदड़ की घटना प्रशासनिक चूक का मामला लगता है। दोषी अधिकारीयों पर सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए। हम पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। हमारी शुरू से मांग रही है कि गांधी मैदान की घेराबंदी को नीचा किया जाए और प्रवेश व निकास द्वार ज्यादा से ज्यादा संख्या में होने चाहिए।
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फेसबुक पर संदेश देकर घटना पर दुख जताया है। नीतिश ने लिखा- पटना गांधी मैदान में, आज शाम रावणवध कार्यक्रम के बाद लौटती भीड़ में हुई भगदड़ में अनेक लोगों की हुई मौत से मुझे गहरा आघात लगा। यह अत्यंत दुखद और मार्मिक घटना है। प्रभावित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। इस घटना की तत्काल उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत-मुआवजा मिले ही, साथ ही घायलों की समुचित चिकित्सा व्यवस्था की जाए।
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