Wednesday 8 October 2014

स्पेशल रिपोर्ट: लंदन से आई 1 करोड़ की ...




नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में 24 सितंबर को दिनदहाड़े तीन भाईयों को गोलियों से भून डाला गया। ट्रिपल मर्डर को अंजाम दिलवाने के पीछे जो लोग थे उन्होंने तमाम एहतियात बरते कि उनका नाम सामने न आए, लेकिन बदमाशों तक पुलिस पहुंच गई और पूरी साजिश का पर्दाफाश हो गया। वीओ-


एक कत्ल और बदला, विजवाड़ा से लंदन, और लंदन से दिल्ली तक रची गई बदले की साजिश। 1 करोड़ की दी गई सुपारी और फिर अंजाम दिया गया दिन दहाड़े ट्रिपल मर्डर को। दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए सभी नकाबपोश कॉन्ट्रैक्ट किलर और उनके साथी हैं। इन ही लोगों ने 24 सितंबर को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में दिनदहाड़े तीन भाइयों को मौत के घाट उतार दिया था। एक कार में जा रहे तीनों भाइयों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।


कहानी पूरी फिल्मी है। ये कहानी शुरू होती है आंध्र प्रदेश के विडयवाड़ा से, यहां स्थानीय राजनीति से जुड़े दो गुटों में विवाद चल रहा था। इसी साल 6 अप्रैल को इसी विवाद में एक शख्स की हत्या कर दी गई और यहीं से शुरू होती है बदले की ये कहानी।


जिस शख्स की हत्या की गई उसके भाइयों ने विरोधियों को मार डालने की साजिश रची। भाई की मौत का बदला लेने के लिए विरोधी खेमे के तीनों भाईयों को मौत के घाट उतारने का फैसला हुआ। छोटे भाई की मौत का इंतकाम लेने के लिए लंदन में बैठा बड़ा भाई बाथम गोविंदम बेकरार हो उठा. उसने कॉन्ट्रैक्ट किलर हायर करने का जिम्मा विजयवाड़े में रहने वाले अपने छोटे भाई बाथम श्रीशिवम को सौंपा। श्रीशिवम ने दिल्ली में रहने वाले अपने जानकारों से संपर्क किया और कल्याणपुरी में रहने वाले 4 पेशेवर अपराधियों को तीनों भाई की हत्या की सुपारी दी गई।


चार कॉन्ट्रैक्ट किलर दिल्ली से विजयवाड़े पहुंचे। उनके रहने का पूरा इंतजाम किया गया। उन्होंने पहले रेकी की। अपने तीनों टारगेट की पहचान की। उन्हें वहीं हथियार मुहैया कराए गए और फिर 24 सितंबर को तीनों भाईयों को एक साथ मौत के घाट उतार डाला।


दिल्ली से अपराधियों को बुलाने का मकसद था कि स्थानीय पुलिस को हत्यारों का सुराग न मिल सके और पुलिस साजिश करने वालों तक न पहुंच सके। लेकिन कहते हैं न कि कानून के हाथ बड़े लंबे होते हैं और इस केस में भी वही हुआ। हत्यारे हत्या को अंजाम देकर वापस दिल्ली आ गए। लेकिन जब ट्रिपल मर्डर की तफतीश शुरू हुई और कॉल डीटेल्स खंगाले गए तो एक-एक कर कड़ियां जुड़ती गईं।


विजयवाडा क्राइम ब्रांच को रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज को खंगालने पर हत्यारों पर शक हुआ। फिर विरोधी पक्ष के लोगों के फोन कॉल खंडाले गए। इसमें दिल्ली के नंबरों पर जरूरत से ज्यादा कॉल किए जाने पर शक हुआ और पड़ताल हुई तो सारा माजरा खुला। कत्ल की सारी परतें सामने आ गईं। लंदन से लेकर विजयवाड़ और विजयवाड़ा से लेकर दिल्ली तक का सारा खेल सामने आ गया। और फिर दिल्ली क्राइम ब्रांच की मगदद से पुलिस कॉन्ट्रैक्ट किलर्स तक पहुंच गई। चारों कॉन्ट्रैक्ट किलर्स और उनके सहयोगी गिरफ्तार हो चुके हैं। अब पुलिस विजयवाड़ा और लंदन में बैठे साजिश के मुख्य सूत्रधारों की गरेबान तक भी जल्द पहुंचने वाली है।


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