Monday, 29 September 2014

क्या मोदी अमेरिका में हासिल कर ...




नई दिल्ली। अभी तक आईबीएन7 लगातार न्यूयार्क से आपके लिए स्पेशल रिपोर्ट दिखा रहा था। लेकिन टीम आज पहुंच गई वाशिंगटन में। यहां, प्रधानमंत्री मोदी अपने मिशन अमेरिका के दो सबसे बड़े मकसद को हासिल करेंगे। न्यूयॉर्क में जहां पीएम ने जनता के साथ सीधा संवाद बनाया, वहीं वाशिंगटन में वो अमेरिका के बिजनेस जगत और अमेरिका सरकार के साथ नए रिश्ते बनाने के लिए तैयार हैं।


यहां पर वो न सिर्फ अमेरिकी उद्योगपतियों और CEO से मिले, बल्कि राष्ट्रपति ओबामा से भी उनकी दो मुलाकातें तय हैं। इन मुलाकातों के नतीजे ही भारत-अमेरिका रिश्तों का नया अध्याय लिखेंगे। लिहाजा सबकी नजर है मोदी के मिशन अमेरिका पर।


मैडिसन स्क्वॉयर में ब्लॉक बस्टर


पीएम नरेंद्र मोदी का मिशन अमेरिका-अमेरिका में मोदी के 120 घंटे का असर हिंदी फिल्मों के जैसा है। इस फिल्म में मैडिसन स्क्वॉयर गार्डेन में मोदी का मिशन अमेरिका सबसे बड़ी ब्लॉक बस्टर साबित हुई। इससे पहले सेंटर पार्क में मोदी का संबोधन सुपर हिट मसाले से भरा हुआ था। फिल्म के इस हिस्से में ग्लैमर था, फॉरेन लोकेशन थी और, जुबान पर चढ़ जाने वाले वो डायलॉग थे जिन पर तालियों के गड़गड़ाहट बरस रहीं थीं।


मोदी का मिशन अमेरिका नाम की इस ब्लॉकबस्टर में इतिहास भी है, भारत-अमेरिका दोस्ती भी है साथ ही दुनिया के लिए शांति का पैगाम भी है। इस ब्लॉकबस्टर फिल्म के हीरो हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। मोदी ने अमेरिकी मंच में किसी हीरो के अंदाज में एंट्री की थी। न्यूयॉर्क की सड़कों पर फैन्स ने उनका जैसा स्वागत किया, उसने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लेकिन यात्रा के तीन दिन के बाद आ पहुंचा है।


अब लोकेशन चेंज हो गई है। न्यूयॉर्क के बाद अगला पड़ाव है वाशिंगटन, सुपर पॉवर अमेरिका की राजधानी। ये फिल्म का एंटीक्लाइमेक्स है। अब फिल्म के हीरो नरेंद्र मोदी के सामने हैं अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा। ओबामा ने मोदी के सम्मान में डिनर रखा है। अगले दिन दोनों की द्विपक्षीय बातचीत के बाद पता चलेगा कि कौन-कौन से समझौते हुए। बॉक्स ऑफिस पर तो मोदी का मिशन अमेरिका हिट हो चुका है, लेकिन मोदी-ओबामा मुलाकात के बाद क्रिटिक्स फिल्म की पूरी समीक्षा लिखेंगे, बताएंगे कितना कामयाब हुआ मोदी का मिशन अमेरिका।


मोदी ने छुए दिलों के तार


अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा से प्रधानमंत्री की मुलाकात का सिलसिला उसे निजी भोज से शुरू होगा जिसे ओबामा ने उनके सम्मान में रखा है। मंगलवार को दोनों देशों के बीच तमाम मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता भी होगी। बंद कमरों में होने वाली इन वार्ताओं पर ही टिका है अमेरिका के साथ भारत का नया रिश्ता। अब तक अमेरिका में पीएम की यात्रा को लेकर जैसा जोश और उम्मीद पैदा हुई है, उसके बाद माना जा रहा है कि नतीजे शानदार ही होंगे।


हिंदुस्तान से न्यूयार्क और न्यूयार्क से वाशिंगटन तक। मोदी-ओबामा मुलाकात से पहले मोदी के मिशन अमेरिका ने काफी कुछ बदल दिया है। न सिर्फ भारतीयों के बल्कि अमेरिकियों के दिल के तार को छू कर मोदी ने दोनों हाथों से जैसी लोकप्रियता बटोरी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में जैसा सधा भाषण दिया उसके बाद ओबामा से मुलाकात को लेकर उम्मीदें आसमान पर पहुंच चुकी हैं। ओबामा अब सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री से नहीं मिलेंगे, बल्कि उनके सामने करिश्माई शख्सियत वाला स्टेट्समैन होगा।


टेक्सॉस के 32वे जिले से अमेरिकी सांसद पीट सेशंस जैसे तमाम लोग मोदी को पूर्व में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनॉल्ड रीगन जैसा दूरंदेश मानते हैं। इलिनोइस के छोटे से कस्बे से अमेरिकी राष्ट्रपति बनने वाले रोनॉल्ड रीगन की सरकार की भूमिका कम कर राजनैतिक बदलाव और आर्थिक तरक्की की नीति रीगनॉमिक्स नाम से मशहूर है। ये वैसा ही जैसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात के विकास को गुजरात मॉडल कहा जाने लगा। मोदी की नीतियों को मोदीनॉमिक्स कहा जाने लगा ।


रीगन की तरह अब विदेश नीति के मोर्चे पर भी मोदी भारत की नई तकदीर लिख रहे हैं। लिहाजा बराक ओबामा के सामने एक ऐसा नेता होगा जो भारत अमेरिका दोस्ती के साथ भारत की आर्थिक तरक्की में अमेरिका का सक्रिय साथ चाहेगा। इस मिशन में अमेरिका को लेकर मोदी की अपनी समझ की बड़ी भूमिका होगी।


दरअसल, 90 के दशक में अमेरिका मोदी के दूसरे घर की तरह था। मोदी ने डेल्टा एयरलाइन के 500 डॉलर के सी-अमेरिका योजना के सस्ते टिकट के जरिए अमेरिका के 50 राज्यों में से 29 राज्यों की सैर की थी। 21 साल पहले वो न्यूयार्क में चंदू भाई पटेल के घर ठहरे थे। वो बताते हैं कि उस दौर में जब मोदी जननेता नहीं बने थे तब भी उनके दिल में नए भारत का सपना बसा हुआ था।


21 साल पहले नरेंद्र मोदी इस स्थिति में नहीं थे कि वो विकसित भारत के सपने को आगे बढ़ा सकें। अब तस्वीर बदल चुकी है, लिहाजा जब वो राष्ट्रपति ओबामा से मिलेंगे तो भारत के विकास को लेकर उनके पास लंबा-चौड़ा एजेंडा होगा।


सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात को करीब 2:20 बजे मोदी मैरीलैंड एयरपोर्ट पहुंचेंगे। व्हाइट हाउस में 4:30 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा उनके सम्मान में डिनर देंगे। मंगलवार को शाम 6:30 बजे मोदी अमेरिकी रक्षामंत्री चक हेगल से मिलेंगे। करीब दो घंटे बाद व्हाइट हाउस के ओवल आफिस में रात 8:25 बजे मोदी-ओबामा से मिलेंगे।


संभावना ये भी है कि रात 9:40 बजे ओबामा-मोदी की साझा प्रेस कांफ्रेंस भी होगी। ओबामा से इस मुलाकात के बाद ही पता चलेगा कि नरेंद्र मोदी अपने राजनैतिक-आर्थिक मिशन में कितने कामयाब हुए। अमेरिका से इंडिया को क्या तोहफा मिला और बदले में अमेरिका के कारोबार में भारत की क्या भूमिका होने वाली है। प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की जनता और अमेरिका के बिजनेस जगत से सीधा संवाद कायम करने के अपने पहले दो मिशन में शानदार तरीके से सफल साबित हुए हैं। अमेरिकी सरकार से साथ वन-टू-वन अंदाज में रिश्ते बनाने के मामले में भी उनसे यही उम्मीद की जा रही है।


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