लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के एक अध्यादेश पर कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांग लिया है। राजभवन के इस फैसले से अखिलेश यादव सरकार को झटका लगा है क्योंकि यह अध्यादेश वरिष्ठ मंत्री आजम खान द्वारा लाया गया है। राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने के मुद्दे पर सवाल उठा दिया है। राजभवन से जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस साल के संशोधन विधेयक पर नाईक ने दो स्पष्टीकरण मांग लिए हैं।
आयोग के अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने के राज्य सरकार के आदेश को इससे झटका लगा है। पहले स्पष्टीकरण में पूछा गया है कि यह दर्जा देने के लिए अध्यादेश लाने की क्या कोई तात्कालिकता है। राजभवन ने कहा है कि पिछले 20 सालों से आयोग के अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त नहीं है लेकिन अब यह तात्कालिक कैसे हो गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को लोकसेवक का दर्जा प्राप्त है कैबिनेट मंत्री का नहीं इसलिए राज्य सरकार के इस कदम का क्या मतलब है। उन्होंने कहा कि अधिकांश आयोगों में अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा नही दिया गया फिर यहां पर इसका क्या औचित्य है।
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