नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश आर एन लोढ़ा ने करीब तीन दशक पुरानी कॉलेजियम प्रणाली को खत्म करने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक संसद द्वारा पारित किए जाने के एक दिन बाद आज उम्मीद जताई कि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका एक दूसरे के काम में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका से जुड़े लोग एक दूसरे का सम्मान करते हैं और एक दूसरे को स्वतंत्र रुप से कार्य करने देने में सहयोग करते हैं।
अदालतों में लंबित मुकदमों के त्वरित निपटारे को लेकर उन्होंने नई-नई तकनीकों के इस्तेमाल की जरूरत बताई। जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि पुलिस और न्यायपालिका को नई तकनीकों से सुसज्जित करने का समय आ गया है ताकि लंबित मामलों का जल्द निपटारा हो सके।
इस मौके पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार स्वतंत्र न्यायपालिका की पूर्ण पक्षधर है और वह इसे अक्षुण्ण रखने का प्रयास करती रहेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि निष्प्रभावी हो चुके कानूनों को निरस्त कर दिया जाए।
बता दें कि संसद ने 99वां संविधान संशोधन विधेयक पारित करके तीन दशक पुरानी कॉलेजियम व्यवस्था को खत्म करने संबंधी विधेयक पारित किया है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति और तबादले के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक भी पारित किया गया है।
दूसरे अपडेट पाने के लिए IBNKhabar.com के Facebook पेज से जुड़ें। आप हमारे Twitter पेज को भी फॉलो कर सकते हैं।
IBNkhabar के मोबाइल वर्जन के लिए लॉगआन करें m.ibnkhabar.com पर!
अब IBN7 देखिए अपने आईपैड पर भी। इसके लिए IBNLive का आईपैड एप्स डाउनलोड कीजिए। बिल्कुल मुफ्त!
0 comments:
Post a Comment