नई दिल्ली। संसद में आज सरकार की उस समय किरकिरी हो गई जब दोनों सदनों में मंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण कार्यवाही आधे घंटे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। राज्यसभा में तो एक भी मंत्री के नहीं होने के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी और सरकार को खेद भी जताना पड़ा जबकि लोकसभा में किसी गृहमंत्री के नहीं होने के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में नियम 193 के तहत चर्चा शुरू करते हुए कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने मंत्री के नहीं होने का सवाल उठाया और कहा कि अगर सरकार को यह महत्वपूर्ण नहीं लगता है तो चर्चा नहीं करते हैं। खरगे देश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के मुददे पर चर्चा शुरू रहे थे।
इस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि आप शुरू कीजिए मंत्रीजी को बुला लेते हैं और बीजेपी के अर्जुन मेघवाल मंत्री को बुलाने के लिए तैयार भी हुए। इस बीच खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि हम नोट कर लेते हैं और संबंधित मंत्री को दे देंगे। लेकिन खरगे इसके लिए तैयार नहीं हुए और सदन की कार्यवाही करीब साढ़े तीन बजे आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में किसी मंत्री के उपस्थित होने के कारण कार्यवाही दो बार स्थगित हुई और करीब आधे घंटे का समय इसमें बरबाद हो गया। पहली बार सदन की कार्यवाही स्थगित हुई तब भी कोई केंद्रीय मंत्री सदन में नहीं आया और सरकार को इसके लिए खेद भी प्रकट करना पड़ा।
भोजनावकाश के बाद जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो बीजेपी के प्रभात झा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में भाग लेने के लिए उठे, लेकिन उस समय सदन में न केवल महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी बल्कि एक भी मंत्री मौजूद नहीं था।
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