नई दिल्ली। केंद्र में निर्णायक नेतृत्व वाली स्थिर सरकार बनने का असर अर्थव्यवस्था पर साफ-साफ दिखायी दे रहा है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर बढ़कर ढाई साल के उच्चतम स्तर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
सरकारी बयान के अनुसार पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह दर 4.7 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जून तिमाही में बिजली गैस और जलापूर्ति क्षेत्र की विकास दर 10.2 प्रतिशत रही जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 3.8 प्रतिशत रही थी। इस दौरान वित्त बीमा रियल एस्टेट और कारोबारी सेवा क्षेत्र की विकास दर भी 10.4 प्रतिशत रही है। सामुदायिक सामाजिक और व्यक्तिगत सेवाओं की वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत रही है।
अर्थव्यवस्था में महती भूमिका निभाने वाले विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा है। इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र 3.5 प्रतिशत की दर से बढा जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 1.2 प्रतिशत ऋणात्मक रहा था। इस दौरान निर्माण क्षेत्र 4.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। हालांकि कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 4.0 प्रतिशत से घटकर 3.8 प्रतिशत पर आ गई है।
केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निर्णायक और स्थिर सरकार बनने से अर्थव्यवस्था को गति मिली है। पिछले दो वित्त वर्ष में लगातार विकास दर पांच प्रतिशत से नीचे बनी हुई थी लेकिन पहली तिमाही में हुईयी वृद्धि से लगता है अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे दिन आ गए हैं।
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