नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख राम विलास पासवान ने कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल होने के मामले में उन्होंने व्यक्तिगत भावना की तुलना में पार्टी के हितों को तरजीह दी। पासवान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि एनडीए में शामिल होने से पहले उनके मन में ऊहापोह की स्थिति जरूर थी, लेकिन पार्टी की संसदीय दल की बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया और उन्होंने व्यक्तिगत भावना की तुलना में पार्टी के हितों को सर्वोपरि माना।
पासवान ने यह भी स्वीकार किया कि गठबंधन के लिए यूपीए ही उनकी पहली व्यक्तिगत पसंद थी, लेकिन पार्टी के सामूहिक निर्णय को उन्होंने तरजीह देना बेहतर समझा। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि समय के साथ चीजें बदल जाती हैं और हमें वर्तमान में जीना चाहिए।
पासवान ने कहा कि 2002 के गुजरात दंगा मामले में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह माफी मांग चुके हैं और अब इस मामले को तूल देना उचित नहीं है। इस अवसर पर दलितों के दो और अन्य प्रमुख नेता रामदास अठावले और उदित राज मौजूद थे। अठावले की पार्टी कुछ महीने पहले राजग में शामिल हुई है। जबकि उदित राज की इंडियन जस्टिस पार्टी का भाजपा में विलय इस महीने के अंत में हुआ है।
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