नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा किए जाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। केंद्र सरकार जयाललिता सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर सकती है।
बुधवार को जयाललिता सरकार ने ऐलान किया था कि वो राजीव गांधी की हत्या के सभी सात दोषियों को रिहा करने जा रही है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर तीन दिन के भीतर अपना रुख साफ करने को कहा था। ऐसा न करने पर सभी दोषियों को रिहा करने की बात कही थी। हालांकि गृहमंत्री सुशील शिंदे ऐसी किसी चिट्ठी मिलने से इनकार किया है।
दोषियों को रिहा किए जाने के फैसले पर राजनीतिक दलों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। अपने पिता राजीव गांधी के हत्यारे की रिहाई के जयललिता सरकार के फैसले से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी नाराज हैं। जयललिता के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा इस देश के पीएम की हत्या हुई और उनके हत्यारों को छोड़ा जा रहा है, मैं इस फैसले से दुखी हूं। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी इस फैसले पर ऐतराज जताया है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साजिश के सात दोषियों पेरारिवलन, मुरुगन, संथन, रॉबर्ट, राजकुमार, नलिनि और रविचंद्रन को जयाललिता सरकार ने रिहा करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 18 फरवरी को पेरारिवलन, मुरुगन, संथन की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली थी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी में देरी के आधार पर संथन, मुरुगन और पेरारिवलन की फांसी को उम्रकैद में बदल दिया था।
राजीव के हत्यारे होंगे रिहा, जया सरकार का ऐलान
राजीव गांधी के हत्यारों को नहीं होगी फांसी
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